राजस्व वसूली
यदि में अंशदान का भुगतान नहीं करता तो, क्या ?
राजस्व वसूली
कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम में संशोधन से पहले निगम के राजस्व राज्य सरकारों के माध्यम से भूमि राजस्व के बकाया के तौर पर वसूले गए थे वे तीन राजस्व इस प्रकार हैं :
धारा 45-बी (अंशदान)
विनियम 31-बी (ब्याज)
धारा 85-बी (हर्जाना)
1989 का संशोधित अधिनियम 29, दिनांक 01/09/1991 से प्रभावी, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम की धारा 45 सी से 45 आई में अन्तर्निविष्ट किया गया जिसके द्वारा राजस्व वसूली तंत्र कर्मचारी राज्य बीमा निगम के प्राधिकार में अस्तित्व में आया । साथ ही धारा 45-सी से 45-आई के तहत ब्याज और हर्जाने की वसूली को प्राधिकृत करने के लिए विनियम 31-बी और धारा 85-बी में भी संशोधित किया गया ।
वसूली अधिकारी
इस अधिनियम के तहत वसूली अधिकारी की शक्तियों का उपयोग करने के लिए अधिनियम की धारा 45-आई (बी) के अनुसार वसूली अधिकारी की नियुक्ति सरकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा की जाती है ।
क्षेत्रीय कार्यालय, पणजी, गोवा के नियंत्रण के अधीन आने वाले सभी क्षेत्रों पर वसूली अधिकारी, पणजी, गोवा का क्षेत्राधिकार है ।
वर्तमान पदाधिकारी श्री ज्योति प्रकाश हैं ।
फोन नंबर : 0832-2438871
वसूली अधिकारी की शक्तियां
कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम की धारा 45 आई (बी) के तहत नियुक्त वसूली अधिकारी को कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम की धारा 85-बी, तथा विनियम 31-सी के तहत धारा 45-ए, विनियम 31-ए के उपबंधों के तहत निर्धारित कर्मचारी राज्य बीमा अंशदान, ब्याज तथा हर्जाने की वसूली का अधिकार है । आयकर अधिनियम 1961 (1961 का 43) की द्वितीय और तृतीय अनुसूची में दिए गए उपबंधों तथा बकायों के तौर पर संदर्भित आवश्यक आशोधनों / कुछ शब्दों के प्रतिस्थापन के साथ समय-समय पर संशोधित आयकर ( प्रमाणपत्र कार्यवाहियाँ) नियम 1962 के तहत ऐसी वसूलियाँ अधिनियम की धारा 45-सी से 45-आई के उपबंधों के तहत की जाती हैं ।
उपरोक्त उपबंधों के तहत अपने कार्यपालन में वसूली अधिकारी आयकर अधिनियम 1961 की द्वितीय अनुसूची के नियम 82 में तथा संशोधित न्यायिक अधिकारी संरक्षण अधिनियम 1850 (1850 का 18) के अधिकार क्षेत्र के अर्थ में न्यायिक ढंग से कार्य करते हुए समझा जाता है ।
वसूली अधिकारी की कार्य प्रणाली
ऐसी वसूलियों के लिए वसूली अधिकारी फॉर्म सी.पी.-1 के रूप में मांग सूचना जारी करता है तथा उसका अनुपालन करने के लिए 15 दिनों का समय देता है । ऐसी सूचना का अनुपालन न करने पर वसूली अधिकारी एक या अधिक निम्नलिखित वसूली के तरीके अपनाता है :
- कारख़ाना या स्थापना / प्रधान / तात्कालिक नियोक्ता की चल और अचल संपत्ति की कुर्की और विक्रय ।
- नियोक्ता की गिरफ्तारी तथा कारावास में उसकी नजरबंदी ।
- कारख़ाना या स्थापना / प्रधान / तात्कालिक नियोक्ता की चल और अचल संपत्ति के प्रबंधन के लिए आदाता की नियुक्ति ।