वसूली
वसूली तंत्र
क.रा.बी.अधिनियम की धारा 45(आई)(बी) के तहत नियुक्त वसूली अधिकारी को धारा 45(ए) विनियम 31(ए) धारा 45(बी)(आई) और विनियम 31(सी) के प्रावधानों के तहत निर्धारित क.रा.बी. अंशदान, ब्याज और हर्जानों को वसूलने का अधिकार दिया गया है । यह वसूली अधिनियम की धारा 45(सी) से 45(आई) तथा आवश्यक आशोधनों / बकाया के रूप में उद्धृत कतिपय शब्दों के प्रतिस्थापन के साथ समय-समय पर यथासंशोधित आयकर अधिनियम 1961(1961 का 43) की दूसरी एवं तीसरी अनुसूची और आयकर (प्रमाणपत्र कार्यवाही) नियम 1962 में उल्लिखित प्रावधानों के अनुरूप की जाती है ।